एक्की में एक है हरी का नाम,
एक्की में एक है हरी का नाम, रचल सकल संसारा जी। दुक्की में दुई चांद सूरज, रैन किया उजियारा जी। तिक्की में तीन लोक है, मख्खन खाने वाला जी। चौके में चार दिशाएं , पूर्व ,पश्चिम, उत्तर, दक्षिण। पंजी में पांच पाण्डव , दुर्योधन को है मारा जी। छक्का तेरा छूट गया, दिल किस्पे मत हारा जी। सत कहूं सतवेद बना है, वेद को जानने वाला जी। अथ्ठा में अठभूजी भवानी, विंध्याचल पहाड़ा जी। नौवें में नवरत्न बना है, धरती और आसमाना जी। दशो शिस रावण कट गए, उदे राम ने मारा जी। Vicky