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Showing posts from April, 2022

bhot dino bad aayi yad

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bhot dino bad aayi yad gaon ki ,  kheto me lahrati chhimi aur sag ki , sondhi mitti aur us anurag ki ,  dosto ke sath bhagna aur thandi wali aag ki ! bhot dino bad aayi yad  engine ke awaz ki ,  nahar me tairne aur pokhre wale nav ki   ,  bhajan mandali aur jagrat ki ,  hockey wale dosto ke sath ki !  bhot dino bad aayi yad gud ke ras ki ,  tapti garmi aur suraj ke attahas ki ,  vidhayak ke aam ki  ,  chori chupke bhagne ke ahsas ki ! - ajink 
मृदुल स्वभाव मन चंचल सा हरियाली जग में छाए प्रकृति प्रेम है दिखलाती जब भाव लीन सब हो जाएँ नहीं करती है परेशान जब तक ना उसको ठुकराए मानव है चाहत का प्याला उसकी प्यास ना बुझ पाए नाश करता है नियम प्रकृति के खोज बीन में जुट जाए ना हो पूरी मन इच्छा इसकी तो प्रकृति प्रेम को ठुकराए लेता है सब कुछ प्रकृति से वो देता है इसको जहर सदा नहीं करता है परवाह इसकी खुद की खुशियों में डूबे सदा वो लड़ने को तत्पर रहता है अपने स्वार्थ को दिखलाए पग पग पर लड़ता रहता है प्रकृति प्रकोप से ना घबराए नहीं जानता क्या कुछ भी वो कोई नहीं क्यूँ झेल है पाता प्रकृति की मार नहीं आसान एक बार में है कुछ नहीं जाता खुश रहने पर रखती है ख्याल बिखेरती सबमें खुशहाली को हो जाए जो कभी निराश वो दिखलाती गुस्सा सभी प्रजाति को मृदुल स्वभाव मन चंचल सा हरियाली जग में छाए प्रकृति प्रेम है दिखलाती जब भाव लीन सब हो जाएँ....

jo kuch kuch mere jaise hote hai !(udas)

Mai aksar unnhe hasa deta hu  khusio ko thodi badha deta hu  aasuwo ka hona unka ghata deta hu ,  ha mai unhe thoda hasa deta hu ! Unki kismat ko do pal ke liye bahla deta hu , Mai aksar unnhe hasa deta hu   anmol hai kitni hasi unki bata deta hu ,  kitne hai kayal unke ye smjha deta hu  , kimat nahi hai kam unki ye bhi batla deta hu ,   ha mai unhe thoda hasa deta hu !  ha mai unhe thoda hasa deta hu ! -------       Ajink 

Yu zindagi rulati hai ,mauke pe kabhi hasati hai ye kya Jane murkh ,khusi Dil Ko Dil se milati hai.

  Yu zindagi rulati hai ,mauke pe kabhi hasati hai ye kya Jane murkh ,khusi Dil Ko Dil se milati hai.

कुछ लोग उस फूल की तरह होते हैं, टूटने के बाद भी दुनिया से फनह होते है। कुछ ईश्वर के शिष् पे विराजते हैं, कुछ इत्र बनकर लोगो को महकाते हैं।

कुछ लोग उस फूल की तरह होते हैं, टूटने के बाद भी दुनिया से फनह होते है। कुछ ईश्वर के शिष् पे विराजते हैं, कुछ इत्र बनकर लोगो को महकाते हैं।

समय की बहती गंगा में

समय की बहती गंगा में, हम संस्कार न बहा दे। मां पिता के चरण वंदन की , प्रथा न भुला दे। जिस धरा में जन्म हुआ , उस मिट्टी को न भुला दे। समय की बहती गंगा में, हम संस्कार न बहा दे। जिन्होंने लिखीं थी , आज़ादी की गाथाएं। उनका सम्मान न भुला दे। वीरो की धरती का हम, विश्व में अपमान ना करा दे। समय की बहती गंगा में, हम संस्कार न बहा दे। भारत की शान को हम, विश्व में सम्मान दिला दें। भारत के राष्ट्रगान को , दिल से हम आज अपना ले। समय की बहती गंगा में, हम संस्कार न बहा दे। जय हिन्द के नारे को हम, अपना अगास बना दे। भारत की संस्कृति को हम, दिलो में बसा ले। समय की बहती गंगा में, हम संस्कार न बहा दे। टेक्नोलॉजी के युग में हम, बड़ों का  आदर , सम्मान ना भुला दे। समय की बहती गंगा में, हम संस्कार न बहा दे।                    ~  (विक्की ) AJINK